tag:blogger.com,1999:blog-849008105195026909.post1129551998110556926..comments2023-10-21T16:55:29.737+05:30Comments on पूनम वाणी : दो कवितायें ---पूनम माथुर vijai Rajbali Mathurhttp://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-849008105195026909.post-62955730575577546162013-06-14T16:26:51.712+05:302013-06-14T16:26:51.712+05:30कोई किसी के आँसू क्यों पोंछे ?
अपने आँसू सुखाने क...कोई किसी के आँसू क्यों पोंछे ? <br />अपने आँसू सुखाने के लिए ....<br />कोई किसी का दर्द क्यों मोल ले या सम्हाले ? <br />खुद अवसाद में ना डूबे .....<br />सब अपने मे व्यस्त अलमस्त बने<br /> हम जैसे भी हैं ........ <br />दूसरों के क्यों हमदर्द बने? <br />दर्द नासूर न बने ...........<br />यह जीवन है क्यों खराब करे?<br />यह जीवन है क्यों बर्बाद करे?<br />जीवन आबाद होते हैं .........<br />पल-पल घमंड मे डूबे<br />क्या करने को क्या कर गुजरे।<br />सच्ची अभिव्यक्ती<br />सादर विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.com