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Tuesday, 24 November 2015
Monday, 23 November 2015
Tuesday, 17 November 2015
सूर्य उपासना का पावन पर्व 'छठ' पूजा -------- पूनम
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सूर्य उपासना का पावन पर्व 'छठ' पूजा :
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सूर्य देवता सबको रोशनी-प्रकाश-ज्योति- ऊष्मा सब एक समान देते हैं। इसके बदले में कुछ नहीं मांगते हैं । जीवन को प्रकाशित करते रहते हैं चाहें वह वनस्पति जगत हो चाहें प्राणी जगत।जीवन में आने और जाने वाले उतार-चढ़ाव को भी दर्शाते हैं।जो आज जा रहा है उससे घबड़ाएँ नहीं उसका भी स्वागत करें और आने वाले कल अर्थात भविष्य का भी स्वागत करें। हर परिस्थिति में मनुष्य अपने 'कर्म' को न भुलाए 'सूर्य' देवता यह भी संदेश देते हैं। परंतु मनुष्य आज बाज़ार के चक्कर में पड़ के इस पर्व की मूल भावना को ही भुला बैठा है। सबसे बड़ी बात है कि, इस पर्व में अमीर-गरीब का कोई भेद नहीं है। इस पूजा में सब एक-दूसरे की मदद करते हैं। साफ-सफाई (हाईजीन ) रखते हैं। भेदभाव रहित त्योहार है यह। हमें तो इसमें ही साम्यवाद नज़र आता है।
जीवनदायनी सूर्य को शत-शत नमन और प्रणाम।
सूर्य उपासना का पावन पर्व 'छठ' पूजा :
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सूर्य देवता सबको रोशनी-प्रकाश-ज्योति- ऊष्मा सब एक समान देते हैं। इसके बदले में कुछ नहीं मांगते हैं । जीवन को प्रकाशित करते रहते हैं चाहें वह वनस्पति जगत हो चाहें प्राणी जगत।जीवन में आने और जाने वाले उतार-चढ़ाव को भी दर्शाते हैं।जो आज जा रहा है उससे घबड़ाएँ नहीं उसका भी स्वागत करें और आने वाले कल अर्थात भविष्य का भी स्वागत करें। हर परिस्थिति में मनुष्य अपने 'कर्म' को न भुलाए 'सूर्य' देवता यह भी संदेश देते हैं। परंतु मनुष्य आज बाज़ार के चक्कर में पड़ के इस पर्व की मूल भावना को ही भुला बैठा है। सबसे बड़ी बात है कि, इस पर्व में अमीर-गरीब का कोई भेद नहीं है। इस पूजा में सब एक-दूसरे की मदद करते हैं। साफ-सफाई (हाईजीन ) रखते हैं। भेदभाव रहित त्योहार है यह। हमें तो इसमें ही साम्यवाद नज़र आता है।
जीवनदायनी सूर्य को शत-शत नमन और प्रणाम।
Friday, 13 November 2015
खुशहाली -------- पूनम
खुशहाली
January 19, 2012 at 9:26pm
हाथ खाली,पेट खाली,थाली खाली।
जेब खाली,आना खाली,जाना खाली।
फिर क्यों करते हो गैरों की दलाली।
फिर क्यों करते हो चोरों की रखवाली।
क्यों नहीं लाते हो भारात मे खुशहाली। ।
*
चोट और चोर
चोट भीतर घाव करता है,
चोर बाहर घाव करता है।
चोट का निशान मिटा नहीं करता है,
चोर दगाबाजी करता है।
चोट समय-समय पर दर्द दिया करता है,
चोर समय-समय पर माल उड़ाया करता है। ।
(पूनम माथुर)
जेब खाली,आना खाली,जाना खाली।
फिर क्यों करते हो गैरों की दलाली।
फिर क्यों करते हो चोरों की रखवाली।
क्यों नहीं लाते हो भारात मे खुशहाली। ।
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चोट और चोर
चोट भीतर घाव करता है,
चोर बाहर घाव करता है।
चोट का निशान मिटा नहीं करता है,
चोर दगाबाजी करता है।
चोट समय-समय पर दर्द दिया करता है,
चोर समय-समय पर माल उड़ाया करता है। ।
(पूनम माथुर)
Tuesday, 10 November 2015
इन्सानों की दुनिया बड़ी निराली है
दाग तो चाँद में भी है। पर चाँद कितना सुंदर है और शीतलता प्रदान करता है।इन्सानों की दुनिया भी अजीब है। वह इस तरह से ठुकराना ही जानता है। जो इन परिस्थितियों से गुज़रता है उसके दिलोदिमाग पर क्या बीतती है वही सही बयां कर सकता है। परंतु समाज को क्या कहेंगे? पशु जगत में गाय चितकबरी होती है तो उसका दूध सबसे अच्छा माना जाता है। चलिये क्या कहें इन्सानों की दुनिया बड़ी निराली है। किसी को सहारा देने के बजाए धक्का मार देते हैं और घृणा भी करते हैं।परंतु अपने साहस को कभी नहीं खोना चाहिए।
(पूनम )
(पूनम )
Monday, 9 November 2015
स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है
स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है लेकिन लोग आजकल सोना-चांदी को धन समझते हैं। जो निर्धन भी है लेकिन स्वस्थ है तो उसके पास सबसे बड़ा धन है। पैसा होने बावजूद भी लोग शरीर अस्वस्थ होने के कारण कराह रहे हैं तो ऐसा धन किस काम का? गरीब सूखी रोटी खा कर भी स्वस्थ है तो उसके पास सब कुछ है। शरीर रूपी घर , धन, खुशी सब कुछ उसके पास है। 'स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन बसता है। '
(पूनम )
Thursday, 5 November 2015
Tuesday, 3 November 2015
Monday, 2 November 2015
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