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Thursday, 24 December 2015

स्मृति नागपाल की अशक्त लोगों के प्रति समवेदनाएं


प्रकृति जीवन को जीने के लिए सिखाती है । कोई अपनों से सीखता है कोई परायों से सीखता है। दिल में समवेदनाएं होने से बहुत काम हो जाता है। समवेदनाओं को भी संजोना चाहिए।

Wednesday, 23 December 2015

मजदूर से सर्जन तक का सफर


सच्ची लगन सबसे बड़ी चीज़ है , किसी भी चीज़ के लिए अगर लगन हो तो अमीरी-गरीबी कुछ नहीं है। आजकल के बच्चों को इससे सबक सीखना चाहिए जो कहते हैं हमको यह नहीं मिला, वह नहीं मिला और तमाम बहाने कर देते हैं। उनके लिए डॉ प्रेम शंकर का उदाहरण सबसे बड़ा सबक होना चाहिए।