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Thursday 24 December 2015

स्मृति नागपाल की अशक्त लोगों के प्रति समवेदनाएं


प्रकृति जीवन को जीने के लिए सिखाती है । कोई अपनों से सीखता है कोई परायों से सीखता है। दिल में समवेदनाएं होने से बहुत काम हो जाता है। समवेदनाओं को भी संजोना चाहिए।

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