दलितों के लिए सरकार ने मातृ भाषा तक में शिक्षा दुर्लभ कर दी है
ईश्वर ने तो सबको एक समान बना कर भेजा है। समाज ने खुद खाई खोदी है। प्रकृति की तरफ से बाढ़,भूकंप, तूफान आदि प्रकोप के समय मनुष्य-मनुष्य में भेद नहीं किया जाता है। परंतु आज यह भेदभाव देख कर कर लगता है कि, लोग परमात्मा और प्रकृति के विपरीत आचरण कर रहे हैं इसी कारण समाज दुखी है।
No comments:
Post a Comment