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Thursday 14 April 2016

दलितों के लिए सरकार ने मातृ भाषा तक में शिक्षा दुर्लभ कर दी है



ईश्वर ने तो सबको एक समान बना कर भेजा है। समाज ने खुद खाई खोदी है। प्रकृति की तरफ से बाढ़,भूकंप, तूफान आदि प्रकोप के समय मनुष्य-मनुष्य में भेद नहीं किया जाता है। परंतु आज यह भेदभाव देख कर कर लगता है कि, लोग परमात्मा और प्रकृति के विपरीत आचरण कर रहे हैं इसी कारण समाज दुखी है।  

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