स्पष्ट रूप से पढ़ने के लिए इमेज पर डबल क्लिक करें (आप उसके बाद भी एक बार और क्लिक द्वारा ज़ूम करके पढ़ सकते हैं ) लोगों की मानसिकता बदल गई है और हर चीज़ को अब पैसों से ही तौला जा रहा है , उसका अच्छा विश्लेषण। अब त्योहार का असली मतलब ही खत्म हो गया है।
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