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Sunday 21 April 2019

वोट की बारी है





भारत धरती हमारी है 
लोकतन्त्र हमारा प्रहरी है 
मानव जीवन का संतरी है 
हर दल का मेनिफेस्टो जारी है 
हर पाँच साल के बाद जनता की बारी है 
अप्रिय और नोट की महामारी है 
जनता पागल बनी हुई हारी है 
वोट न देने और हमारे अधिकार और कर्तव्य की चोरी है 
यह तो अजब तरह की सीनाजोरी है 
यह कैसी फैली बीमारी है 
भेदभाव को मिटाना जरूरी है 
यही सबसे अच्छी बारी है 
कौन है जो सत्य - अहिंसा का पुजारी है 
अबकी वोट की सवारी है 
बटन दबाने की तैयारी है । 

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