एकता जोशी
“ये बिल क्या होता है माँ ?”
8 साल के बेटे ने माँ से पूछा।
माँ ने समझाया -- “जब हम किसी से कोई सामान
लेते हैं या काम कराते हैं, तो वह उस सामान या काम
के बदले हम से पैसे लेता है, और हमें उस काम या
सामान की एक सूची बना कर देता है,
इसी को हम बिल कहते हैं।”
लड़के को बात अच्छी तरह समझ में आ गयी।
रात को सोने से पहले, उसने माँ के तकिये के नीचे
एक कागज़ रखा,
जिस में उस दिन का हिसाब लिखा था।
पास की दूकान से सामान लाया 5रु
पापा की bike पोंछकर बाहर निकाली। 5 रु
दादाजी का सर दबाया 10 रु
माँ की चाभी ढूंढी 10 रु
कुल योग 30 रु
यह सिर्फ आज का बिल है ,
इसे आज ही चुकता कर दे तो अच्छा है।
सुबह जब वह उठा तो उसके तकिये के नीचे 30 रु.
रखे थे। यह देख कर वह बहुत खुश हुआ
कि ये बढ़िया काम मिल गया।
तभी उस ने एक और कागज़ वहीं रखा देखा।
जल्दी से उठा कर, उसने कागज़ को पढ़ा।
माँ ने लिखा था --
जन्म से अब तक पालना पोसना -- रु 00
बीमार होने पर रात रात भर
छाती से लगाये घूमना -- रु 00
स्कूल भेजना और घर पर
होम वर्क कराना -- रु 00
सुबह से रात तक खिलाना, पिलाना,
कपड़े सिलाना, प्रेस करना -- रु 00
अधिक तर मांगे पूरी करना -- रु 00
कुल योग रु 00
ये अभी तक का पूरा बिल है,
इसे जब चुकता करना चाहो कर देना।
लड़के की आँखे भर आईं
सीधा जा कर माँ के पैरों में झुक गया
और मुश्किल से बोल पाया --
“तेरे बिल में मोल तो लिखा ही नहीं है माँ,
ये तो अनमोल है,"
इसे चुकता करने लायक धन तो
मेरे पास कभी भी नहीं होगा।
मुझे माफ़ कर देना , माँ।“
माँ ने," हँसते हुए" उसे गले से लगा लिया ।
बच्चों को ज़रूर पढ़ायें यह मेरा निवेदन है ......
भले ही आपके बच्चे माँ बाप बन गए हो ।
साभार :
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=218948045396891&set=a.108455693112794.1073741829.100018450913469&type=3
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07-07-2018
“ये बिल क्या होता है माँ ?”
8 साल के बेटे ने माँ से पूछा।
माँ ने समझाया -- “जब हम किसी से कोई सामान
लेते हैं या काम कराते हैं, तो वह उस सामान या काम
के बदले हम से पैसे लेता है, और हमें उस काम या
सामान की एक सूची बना कर देता है,
इसी को हम बिल कहते हैं।”
लड़के को बात अच्छी तरह समझ में आ गयी।
रात को सोने से पहले, उसने माँ के तकिये के नीचे
एक कागज़ रखा,
जिस में उस दिन का हिसाब लिखा था।
पास की दूकान से सामान लाया 5रु
पापा की bike पोंछकर बाहर निकाली। 5 रु
दादाजी का सर दबाया 10 रु
माँ की चाभी ढूंढी 10 रु
कुल योग 30 रु
यह सिर्फ आज का बिल है ,
इसे आज ही चुकता कर दे तो अच्छा है।
सुबह जब वह उठा तो उसके तकिये के नीचे 30 रु.
रखे थे। यह देख कर वह बहुत खुश हुआ
कि ये बढ़िया काम मिल गया।
तभी उस ने एक और कागज़ वहीं रखा देखा।
जल्दी से उठा कर, उसने कागज़ को पढ़ा।
माँ ने लिखा था --
जन्म से अब तक पालना पोसना -- रु 00
बीमार होने पर रात रात भर
छाती से लगाये घूमना -- रु 00
स्कूल भेजना और घर पर
होम वर्क कराना -- रु 00
सुबह से रात तक खिलाना, पिलाना,
कपड़े सिलाना, प्रेस करना -- रु 00
अधिक तर मांगे पूरी करना -- रु 00
कुल योग रु 00
ये अभी तक का पूरा बिल है,
इसे जब चुकता करना चाहो कर देना।
लड़के की आँखे भर आईं
सीधा जा कर माँ के पैरों में झुक गया
और मुश्किल से बोल पाया --
“तेरे बिल में मोल तो लिखा ही नहीं है माँ,
ये तो अनमोल है,"
इसे चुकता करने लायक धन तो
मेरे पास कभी भी नहीं होगा।
मुझे माफ़ कर देना , माँ।“
माँ ने," हँसते हुए" उसे गले से लगा लिया ।
बच्चों को ज़रूर पढ़ायें यह मेरा निवेदन है ......
भले ही आपके बच्चे माँ बाप बन गए हो ।
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