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Saturday 8 December 2012

कुछ लोग ---पूनम माथुर

बुधवार, 16 नवम्बर 2011

कुछ लोग

श्रीमती पूनम माथुर 
कुछ लोग अपने को बड़ा मानते हैं ।
श्रवण कुमार को सब लोग जानते हैं।
सारे लोग उस पुत्र का लोहा मानते हैं।
यह सब लोग जानते हैं।
इनको किस्सा-कहानियाँ मानते हैं।
आज कल लोग  ऐसा करना नहीं जानते हैं।
तभी तो वृद्धाश्रम ,बूढ़े लोग जाने को मानते हैं।
हर कोई बूढ़ा होता ,क्या लोग नहीं जानते हैं।
संसार एक रहट है,क्या लोग नहीं मानते हैं।
हर सुबह के बाद शाम होती है,
क्या लोग नहीं जानते हैं।
पर अपने को सब बड़ा ही मानते है।
आना-जाना है,सब जानते हैं।
सब मिट्टी है,सब मानते हैं।
यह सब लोग जानते हैं।
परंतु अच्छी सीख नहीं मानते हैं।
बाद मे पछताना जानते हैं।
अच्छे कर्म होते हैं मानते हैं।
पर उन्हें करना नहीं जानते हैं।
कुछ लोग दूसरों को आंधी मे उड़ाना सही  मानते हैं।
कुछ लोग दूसरों को लोहे का चना चबवाना जानते हैं।


(पूनम माथुर)
 
 
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  • रश्मि प्रभा... a year ago

    कुछ लोग दूसरों को आंधी मे उड़ाना सही मानते हैं।
    कुछ लोग दूसरों को लोहे का चना चबवाना जानते हैं।... दुखद है , पर सत्य है
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    sushma 'आहुति' a year ago

    prabhaavshali abhivaykti...
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    कुमार राधारमण a year ago

    यही नीयत है
    यही नियती है
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    डॉ॰ मोनिका शर्मा a year ago

    सार्थक विचार .....
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    ZEAL a year ago

    bahut sundar rachna.
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    डॉ टी एस दराल a year ago

    बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना ।
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    जाट देवता (संदीप पवाँर) a year ago

    सही बताया है आपने।
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    Bhushan a year ago

    सच ही लोग बहुत ज्ञानी हैं. सब कुछ जानते हैं.......परंतु मानते कहाँ हैं.

2 comments:

  1. कुछ लोग दूसरों को आंधी मे उड़ाना सही मानते हैं।
    कुछ लोग दूसरों को लोहे का चना चबवाना जानते हैं।
    कुछ लोग बुझने के पहले ,कुछ समय तक चमकते हैं।

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  2. फेसबुक पर प्राप्त टिप्पणी---

    Danda Lakhnavi वाह...वाह...प्रेरणादायक रचना

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