बुधवार, 16 नवम्बर 2011
कुछ लोग
श्रीमती पूनम माथुर |
श्रवण कुमार को सब लोग जानते हैं।
सारे लोग उस पुत्र का लोहा मानते हैं।
यह सब लोग जानते हैं।
इनको किस्सा-कहानियाँ मानते हैं।
आज कल लोग ऐसा करना नहीं जानते हैं।
तभी तो वृद्धाश्रम ,बूढ़े लोग जाने को मानते हैं।
हर कोई बूढ़ा होता ,क्या लोग नहीं जानते हैं।
संसार एक रहट है,क्या लोग नहीं मानते हैं।
हर सुबह के बाद शाम होती है,
क्या लोग नहीं जानते हैं।
पर अपने को सब बड़ा ही मानते है।
आना-जाना है,सब जानते हैं।
सब मिट्टी है,सब मानते हैं।
यह सब लोग जानते हैं।
परंतु अच्छी सीख नहीं मानते हैं।
बाद मे पछताना जानते हैं।
अच्छे कर्म होते हैं मानते हैं।
पर उन्हें करना नहीं जानते हैं।
कुछ लोग दूसरों को आंधी मे उड़ाना सही मानते हैं।
कुछ लोग दूसरों को लोहे का चना चबवाना जानते हैं।
(पूनम माथुर)
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रश्मि प्रभा... • a year ago -
sushma 'आहुति' • a year ago -
कुमार राधारमण • a year ago -
डॉ॰ मोनिका शर्मा • a year ago -
ZEAL • a year ago -
डॉ टी एस दराल • a year ago -
जाट देवता (संदीप पवाँर) • a year ago -
Bhushan • a year ago
कुछ लोग दूसरों को आंधी मे उड़ाना सही मानते हैं।
ReplyDeleteकुछ लोग दूसरों को लोहे का चना चबवाना जानते हैं।
कुछ लोग बुझने के पहले ,कुछ समय तक चमकते हैं।
फेसबुक पर प्राप्त टिप्पणी---
ReplyDeleteDanda Lakhnavi वाह...वाह...प्रेरणादायक रचना