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नम्रता और क्रूरता ये शब्द ही तो हैं । नम्रता से कही गई बात बहुत ही असरदार होती है । क्रूरता तो इंसान को खत्म ही कर देती है। चोट का घाव तो खत्म हो जाता है परंतु क्रूरता से बोला हुआ शब्द मरते दम तक इंसान को तिल - तिल करके मारता है।
नम्रता से बोले गए शब्द में इतनी ताकत होती है कि, जीर्ण शरीर को भी स्वस्थ कर दे। नम्र बोल कर इंसानियत को बचा लें।
नम्रता और क्रूरता ये शब्द ही तो हैं । नम्रता से कही गई बात बहुत ही असरदार होती है । क्रूरता तो इंसान को खत्म ही कर देती है। चोट का घाव तो खत्म हो जाता है परंतु क्रूरता से बोला हुआ शब्द मरते दम तक इंसान को तिल - तिल करके मारता है।
नम्रता से बोले गए शब्द में इतनी ताकत होती है कि, जीर्ण शरीर को भी स्वस्थ कर दे। नम्र बोल कर इंसानियत को बचा लें।