करती निछावर
हो तुम नारी
इसका मान करो-ध्यान करो
हो तुम शक्ति,हो तुम भक्ति
हो न तुम एक की माता
हो तुम सैंकड़ों की निर्माता
हो तुम धरती माता
हो तुम सती सावित्री
हो जाये आकाश भी निछावर तुम पर
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नफा
न तुम हो बेवफा
सब हैं तुम पर खफा
सब करते हैं तुमसे जफा
पर तुम सबसे करते हो वफा
पर क्या करें यही है फलसफा
वक्त है किसका क्या नुकसान क्या नफा
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एक और नौ है दस
मत कहो अब बस
चलते हैं मस्त
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हर बार एक नई सीख मिलती है आपे पोस्ट पर .....पढ़ना जानना अच्छा लगता है .....
ReplyDeleteसादर