भारत के प्रथम उपग्रह आर्यभट्ट जिन महान गणितज्ञ के नाम पर रखा गया था उनको अब भारतवासी याद नहीं रखना चाहते हैं तभी तो उनकी जयंती पर रविवार को कोई सूचना या उल्लास नहीं था। ऐसी शिकायतें अखबारों में छ्पी हैं।
गुप्त काल में 476 ई में गोदावरी और नर्मदा के बीच स्थित 'अशमाका' गाँव में आर्यभट्ट का जन्म हुआ था। उनकी शिक्षा बिहार में हुई। आर्यभट्ट ने विज्ञान को सबसे बड़ा योगदान-आर्यभट्टीय व आर्य सिद्धान्त दिया। इसी के बल पर खगोल और गणित विज्ञान ने अग्रिम प्रगति की। 'त्रिकोणमिती' के जनक आर्यभट्ट ने ही 'पाई' का 'दशमलव' के बाद चार स्थानों तक मान निकाला। साथ ही आर्यभट्टीय नामक किताब के माध्यम से पहली बार 'शून्य' का उपयोग करना बताया। इसी किताब को गणित की मूल किताब माना जाता है।
(साभार-फोटो=दैनिक भास्कर एवं विवरण=हिंदुस्तान लाईव)
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ReplyDeleteधन्यवाद !