प्रगतिशील खेती किसानों को बर्बाद कर रही है -------- बृजेश शुक्ल
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प्रकृति सुलभ जीवों की उपेक्षा करके मशीनों के ऊपर निर्भरता अर्थात सजीवों की अवहेलना और निर्जीवों को सर माथे पर रखने से ही आज यह समस्या खड़ी हुई है। ( पूनम माथुर )
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