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Tuesday, 18 June 2013

साथ

आया बसंत
गया पतझड़
माया झूमा
छाया उल्लास
सब आशावान
करें सम्मान
चमका दिनमान
कोयल बोली
बौर मतवाली
भौरा बैठा
झूमे डालीडाली
कोयल मतवारी
कुहुक प्यारी
विरहन बेचारी
सरसों पीलीपीली
ललकारे हरियाली
रंग धानी
यौवन खेले
चाल मस्तानी
मदनमोहन मन
खेले अठखेली
दिन होली
रात दीवाली
ऐसी अभिलाषा
पूरी हो
जाए जीवन
की आस प्यास
मिले सबको
सबका साथ
यही अर्थ
है मधुमास


(श्रीमती पूनम माथुर)

2 comments:

  1. .बहुत सही बात कही है आपने बहुत सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति .आभार . बघंबर पहनकर आये ,असल में ये हैं सौदागर .
    आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN "झुका दूं शीश अपना"

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