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Wednesday, 16 October 2013

ईमान बकरा और कुर्बानी---नज़मा हेपतुल्ला की जुबानी

 
 
 
Gaurav Singhal Senior Journalist's status.
एक आदमी बकरा काट
रहा था,
तभी बकरा हंसने लगा,
आदमी बोला, मैँ तुझे काट रहा हूं, और तू हंस
रहा है
बकरा बोला - ये सोच कर हंस रहा हूं कि मैँ तो जिँदगी भर घास
खाता रहा, फिर
भी मुझे इतनी दर्द नाक मौत मिल रही है,
तूने तो जिंदगी भर दूसरोँ को मारकर खाया है,
तेरी मौत कितनी दर्दनाक होगी ।

1 comment:

  1. जीवन का सार्थक सच
    उत्कृष्ट प्रस्तुति

    सादर

    आग्रह है मेरे ब्लॉग सम्मलित हों
    पीड़ाओं का आग्रह---
    http://jyoti-khare.blogspot.in

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