एक आदमी बकरा काट
रहा था,
तभी बकरा हंसने लगा,
आदमी बोला, मैँ तुझे काट रहा हूं, और तू हंस
रहा है
बकरा बोला - ये सोच कर हंस रहा हूं कि मैँ तो जिँदगी भर घास
खाता रहा, फिर
भी मुझे इतनी दर्द नाक मौत मिल रही है,
तूने तो जिंदगी भर दूसरोँ को मारकर खाया है,
तेरी मौत कितनी दर्दनाक होगी ।
जीवन का सार्थक सच
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति
सादर
आग्रह है मेरे ब्लॉग सम्मलित हों
पीड़ाओं का आग्रह---
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